भारतीय रेलवे में यात्रा के दौरान कई बार ऐसा होता है कि टिकट कन्फर्म नहीं हो पाती और यात्री को वेटिंग लिस्ट में रखा जाता है।
IRCTC में वेटिंग लिस्ट के विभिन्न प्रकार होते हैं, जो अलग-अलग परिस्थितियों और कोटों पर आधारित होते हैं। ये वेटिंग लिस्ट यात्रियों को उनकी टिकट कन्फर्म होने की संभावना के आधार पर वर्गीकृत करती हैं। आइए इन वेटिंग लिस्ट के प्रकारों को विस्तार से समझते हैं:
GNWL सामान्य कोटे के तहत आने वाली वेटिंग लिस्ट है। यह उन यात्रियों के लिए होती है जो ट्रेन के आरंभिक स्टेशन से यात्रा शुरू करते हैं या महत्वपूर्ण जंक्शन स्टेशनों से।
कन्फर्मेशन संभावना: GNWL में टिकट कन्फर्म होने की संभावना सबसे अधिक होती है, क्योंकि इसमें सामान्य कोटे की अधिक सीटें आवंटित की जाती हैं।
प्रमुख उपयोग: लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्री, विशेषकर ट्रेन के शुरुआती स्टेशन से।
RLWL उन यात्रियों के लिए है जो किसी बीच के स्टेशन से यात्रा शुरू करते हैं। यह वेटिंग लिस्ट ट्रेन के शुरुआती और अंतिम स्टेशन के बीच आने वाले छोटे स्टेशनों के लिए होती है।
कन्फर्मेशन संभावना: इसमें कन्फर्मेशन की संभावना GNWL की तुलना में कम होती है क्योंकि बीच के स्टेशनों के लिए सीमित कोटा होता है।
विशेषता: आमतौर पर यह उन स्टेशनों पर लागू होती है, जो बड़े जंक्शन नहीं होते।
PQWL उन यात्रियों के लिए होती है, जो छोटे या माध्यमिक स्टेशनों से यात्रा शुरू करते हैं और जिनकी यात्रा का गंतव्य ट्रेन के बीच में कहीं होता है।
कन्फर्मेशन संभावना: इस वेटिंग लिस्ट में कन्फर्मेशन की संभावना कम होती है, क्योंकि इसमें सीमित सीटें ही आवंटित की जाती हैं।
विशेषता: यह लिस्ट एक से अधिक स्टेशनों के लिए साझा होती है, इसलिए इसे "पूल्ड कोटा" कहते हैं।
RAC का अर्थ है कि यात्री को आंशिक रूप से कन्फर्म सीट मिलती है। यात्री को ट्रेन में एक सीट साझा करनी पड़ सकती है, लेकिन कन्फर्म टिकट वाले यात्री के कैंसिलेशन पर पूरी सीट मिल सकती है।
कन्फर्मेशन संभावना: RAC में टिकट कन्फर्म होने की अच्छी संभावना होती है, क्योंकि यह वेटिंग लिस्ट से पहले आती है।
फायदा: यात्री को ट्रेन में यात्रा करने का अधिकार मिलता है, भले ही पूरी सीट कन्फर्म न हो।
यह वेटिंग लिस्ट तत्काल टिकट के लिए होती है। Tatkal Quota में जो टिकट बुक नहीं हो पातीं, वे इस वेटिंग लिस्ट में आ जाती हैं।
कन्फर्मेशन संभावना: TQWL में टिकट कन्फर्म होने की संभावना बहुत कम होती है, क्योंकि तत्काल कोटे की सीटें सीमित होती हैं।
विशेषता: यह सामान्य वेटिंग लिस्ट (GNWL) से अलग होती है और इसमें उच्च प्राथमिकता नहीं दी जाती।
यह वेटिंग लिस्ट भी छोटे स्टेशनों के यात्रियों के लिए होती है, लेकिन इसका कोटा और भी सीमित होता है।
कन्फर्मेशन संभावना: इसमें टिकट कन्फर्म होने की संभावना और भी कम होती है, क्योंकि यह छोटी जगहों के लिए होती है।
विशेषता: छोटे शहरों और कस्बों के यात्रियों के लिए उपयोगी होती है।
यह वेटिंग लिस्ट उन यात्रियों के लिए होती है जो किसी छोटे स्टेशन से ट्रेन पकड़ते हैं। इसे अक्सर RLWL के साथ भ्रमित किया जाता है, लेकिन इसमें भी कन्फर्मेशन की संभावना सीमित होती है।
यह प्रीमियम ट्रेनों में Tatkal Quota के तहत आने वाली वेटिंग लिस्ट है। इसमें भी टिकट कन्फर्म होने की संभावना काफी कम होती है।
वेटिंग लिस्ट की कन्फर्मेशन की संभावना किस पर निर्भर करती है?
यात्रा की तारीख और सीजन: त्योहारों और छुट्टियों के समय वेटिंग लिस्ट लंबी हो सकती है।
ट्रेन का रूट: लंबी दूरी की ट्रेनों में GNWL की कन्फर्मेशन संभावना अधिक होती है।
कैंसिलेशन: यात्रियों के टिकट कैंसिल करने पर वेटिंग लिस्ट आगे बढ़ती है।
IRCTC में वेटिंग लिस्ट कई प्रकार की होती है और हर वेटिंग लिस्ट की कन्फर्मेशन की संभावना भिन्न-भिन्न होती है। यात्रियों को अपनी यात्रा योजना बनाते समय इन वेटिंग लिस्ट के प्रकारों और उनकी कन्फर्मेशन संभावना को ध्यान में रखना चाहिए। सही जानकारी के साथ यात्रा की योजना बनाने से कन्फर्म सीट मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
वेटिंग लिस्ट टिकट का मतलब है कि आपकी सीट अभी कन्फर्म नहीं हुई है। यदि किसी यात्री का टिकट कैंसिल होता है या अतिरिक्त सीटें उपलब्ध होती हैं, तो वेटिंग लिस्ट टिकट कन्फर्म हो सकता है।
IRCTC में वेटिंग लिस्ट के प्रमुख प्रकार हैं:
GNWL (General Waiting List): यह उन यात्रियों के लिए होती है जो ट्रेन के शुरुआती स्टेशन से यात्रा शुरू करते हैं। इसमें कन्फर्मेशन की संभावना अधिक होती है।
RLWL (Remote Location Waiting List): यह बीच के स्टेशनों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए होती है और इसमें कन्फर्मेशन की संभावना कम होती है।
RAC टिकट में यात्री को आधी सीट मिलती है, जिसे अन्य यात्री के साथ साझा करना पड़ता है। अगर किसी का कन्फर्म टिकट कैंसिल होता है, तो RAC टिकट पूरी सीट में बदल सकता है।
Tatkal वेटिंग लिस्ट (TQWL) में कन्फर्मेशन की संभावना बहुत कम होती है, क्योंकि यह सामान्य वेटिंग लिस्ट से अलग होती है और इसमें सीटें सीमित होती हैं।
आप IRCTC की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर अपने PNR नंबर के माध्यम से वेटिंग लिस्ट का स्टेटस चेक कर सकते हैं।
अगर वेटिंग लिस्ट टिकट यात्रा के समय तक कन्फर्म नहीं होता, तो:
ई-टिकट (IRCTC से बुक): यह ऑटोमैटिक रूप से कैंसिल हो जाएगा और आपको रिफंड मिलेगा।
काउंटर टिकट: इसे आपको मैन्युअल रूप से कैंसिल कराना होगा।
वेटिंग लिस्ट टिकट पर यात्रा करना केवल तभी संभव है जब यह कन्फर्म या RAC में बदल जाए। पूरी तरह वेटिंग लिस्ट टिकट पर यात्रा की अनुमति नहीं होती।
RAC टिकट वेटिंग लिस्ट से पहले आता है। अगर सीटें खाली होती हैं, तो पहले RAC टिकट कन्फर्म होते हैं और उसके बाद वेटिंग लिस्ट की बारी आती है।
ई-टिकट: अगर टिकट कन्फर्म नहीं होता, तो रिफंड ऑटोमैटिक रूप से IRCTC द्वारा आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
काउंटर टिकट: आपको रेलवे काउंटर पर जाकर मैन्युअल रूप से टिकट कैंसिल कराना होगा।
PQWL उन यात्रियों के लिए है जो ट्रेन के बीच के छोटे स्टेशनों से यात्रा शुरू करते हैं। इसमें कन्फर्मेशन की संभावना GNWL और RLWL की तुलना में कम होती है।
हाँ, तत्काल टिकट के लिए भी वेटिंग लिस्ट होती है, जिसे TQWL (Tatkal Quota Waiting List) कहते हैं। इसकी कन्फर्मेशन की संभावना कम होती है।
सीटों का आवंटन विभिन्न कोटों में किया जाता है। कभी-कभी किसी विशेष कोटे की सीटें खाली रह सकती हैं, जबकि अन्य कोटे की सीटें पूरी तरह बुक हो जाती हैं। इस कारण वेटिंग लिस्ट बनती है।
हाँ, प्रीमियम ट्रेनों में भी वेटिंग लिस्ट होती है, जैसे CKWL (Tatkal Quota Waiting List in Premium Trains)।
आमतौर पर वेटिंग लिस्ट का अंतिम स्टेटस चार्ट तैयार होने के बाद ही तय होता है। चार्ट बनने के बाद वेटिंग लिस्ट का स्टेटस नहीं बदलता, लेकिन RAC यात्रियों को यात्रा के दौरान खाली सीटें मिल सकती हैं।
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