आज के डिजिटल इंडिया में डिजिटल भुगतान और बैंकिंग सेवाएं बहुत आसान हो गई हैं। लेकिन इन सेवाओं को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने के लिए दो शब्द बहुत महत्वपूर्ण हैं — NPCI और KYC। कई लोग इन दोनों शब्दों के बारे में थोड़ा-बहुत जानते हैं लेकिन इनका आपस में क्या संबंध है, यह नहीं समझते। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि NPCI क्या है, KYC क्या है और दोनों के बीच क्या गहरा कनेक्शन है।
NPCI (National Payments Corporation of India) भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्थापित एक संस्था है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश में सभी डिजिटल भुगतान सिस्टम का संचालन करना है।
NPCI की वजह से आज आप UPI, RuPay कार्ड, आधार पेमेंट, IMPS जैसी सुविधाओं का उपयोग कर पाते हैं।
NPCI के अंतर्गत चलने वाली मुख्य सेवाएँ:
KYC यानि (Know Your Customer) वह प्रक्रिया है जिसमें बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा अपने ग्राहकों की पहचान की पुष्टि की जाती हैं।
KYC के जरिए ग्राहक का नाम, पता, फोटो और पहचान पत्र की वैधता जांची जाती है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है जो RBI द्वारा अनिवार्य की गई है।
मुख्य KYC दस्तावेज़:
NPCI के जितने भी डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं, उन सभी में KYC का बहुत बड़ा रोल है।
NPCI के सभी डिजिटल सिस्टम तभी एक्टिवेट होते हैं जब आपका KYC पूरा हो।
कारण | विवरण |
---|---|
✅ ट्रांजैक्शन की सुरक्षा | फ्रॉड रोकने के लिए KYC अनिवार्य है |
✅ सरकारी सब्सिडी | DBT के लिए KYC जरूरी है |
✅ फुल लिमिट एक्सेस | बिना KYC लिमिट कम हो जाती है |
✅ मनी लॉन्ड्रिंग कंट्रोल | नकली खातों पर रोकथाम |
NPCI और KYC एक-दूसरे से परस्पर जुड़े हैं। अगर आप डिजिटल पेमेंट का पूरा लाभ उठाना चाहते हैं, तो समय रहते अपना KYC अपडेट जरूर कराएं। इससे आपके ट्रांजैक्शन न सिर्फ सुरक्षित होंगे बल्कि आप सभी सरकारी सुविधाओं का भी आसानी से लाभ उठा सकेंगे।
Q. NPCI के तहत कौन-कौन सी सर्विस आती हैं?
👉 UPI, RuPay कार्ड, AePS, Fastag, BBPS जैसी सेवाएं।
Q. KYC न करने पर क्या नुकसान है?
👉 ट्रांजैक्शन लिमिट कम हो जाती है, DBT नहीं आता, पेमेंट फेल हो सकता है।
Q. क्या Video KYC घर बैठे हो सकता है?
👉 हाँ, Paytm और कई बैंक अब Video KYC की सुविधा दे रहे हैं।
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