भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) समय-समय पर ऑनलाइन पेमेंट से जुड़ी नई गाइडलाइंस जारी करता है ताकि डिजिटल भुगतान प्रणाली को सुरक्षित, तेज़ और उपभोक्ताओं के अनुकूल बनाया जा सके।
लागू: 1 जनवरी 2022
🔹 ई-कॉमर्स कंपनियां और पेमेंट गेटवे अब ग्राहकों के कार्ड डिटेल्स स्टोर नहीं कर सकते।
🔹 इसके बजाय, टोकनाइजेशन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है, जिसमें कार्ड नंबर को एक यूनिक टोकन में बदल दिया जाता है।
🔹 इससे ऑनलाइन फ्रॉड की संभावना कम होती है।
🔹 सभी ऑनलाइन ट्रांजैक्शनों के लिए OTP या अन्य द्वि-चरणीय सत्यापन (2FA) ज़रूरी है।
🔹 यह कदम फ्रॉड और अनऑथराइज्ड ट्रांजैक्शनों को रोकने के लिए लिया गया है।
लागू: 2023
🔹 RBI ने वॉलेट कंपनियों (Paytm, PhonePe, Amazon Pay) को क्रेडिट लाइन देने से मना किया है।
🔹 इसका मतलब है कि PPI (Prepaid Wallets) को बैंक से लोन लेकर ग्राहकों को पैसे उधार देने की अनुमति नहीं होगी।
🔹 5000 रुपये से ऊपर के ऑटो-डेबिट पेमेंट के लिए OTP और यूजर की पूर्व अनुमति अनिवार्य की गई है।
🔹 इससे अनजाने में कटने वाले पैसे पर नियंत्रण मिलेगा।
🔹 UPI पेमेंट की अधिकतम सीमा
🔹 बैंकों और वॉलेट कंपनियों को AI और Machine Learning आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम अपनाने के निर्देश दिए गए हैं।
🔹 उपयोगकर्ता को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत देने की व्यवस्था होनी चाहिए।
🔹 RBI ने "बाय नाउ, पे लेटर" सेवाओं पर सख्त नियंत्रण लगाया है।
🔹 सभी फिनटेक कंपनियों को NBFC लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
🔹 विदेशी पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनियों (PayPal, Stripe) को भारतीय नियमों के तहत डेटा स्टोर करना अनिवार्य किया गया है।
🔹 बैंकिंग वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप्स के लिए सुरक्षित लॉगिन और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को अनिवार्य किया गया है।
🔹 यदि किसी उपभोक्ता के पैसे गलत तरीके से कट जाते हैं, तो बैंक को 24 घंटे के भीतर जवाब देना होगा।
🔹 ऑनलाइन शिकायत पोर्टल पर ग्राहक अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
RBI की नई गाइडलाइंस ऑनलाइन पेमेंट को और सुरक्षित, तेज़ और उपभोक्ता-अनुकूल बनाती हैं। इन नियमों से डिजिटल फ्रॉड में कमी आएगी और लोगों को डिजिटल भुगतान पर अधिक विश्वास मिलेगा।
👉 1 जनवरी 2022 से ई-कॉमर्स वेबसाइटें और पेमेंट गेटवे उपयोगकर्ताओं के कार्ड डिटेल्स स्टोर नहीं कर सकते।
👉 इसके बजाय, टोकनाइजेशन तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिससे कार्ड नंबर को एक यूनिक टोकन में बदला जाता है।
👉 इससे कार्ड फ्रॉड की संभावना कम होती है।
🔹 नहीं, RBI ने सभी डिजिटल लेनदेन के लिए दो-स्तरीय सत्यापन (2FA) अनिवार्य किया है।
🔹 ₹5000 से अधिक के ऑटो-डेबिट ट्रांजैक्शन के लिए OTP अनिवार्य कर दिया गया है।
🔹 2023 में लागू – डिजिटल वॉलेट कंपनियों (Paytm, PhonePe, Amazon Pay) को क्रेडिट लाइन देने की अनुमति नहीं है।
🔹 इसका मतलब है कि अब डिजिटल वॉलेट या प्रीपेड कार्ड से लोन नहीं लिया जा सकता।
🔹 व्यक्तिगत भुगतान (P2P) – ₹1 लाख प्रति दिन
🔹 IPO और रिटेल डायरेक्ट स्कीम – ₹5 लाख
🔹 ऑटो-डेबिट ट्रांजैक्शन (बिना OTP) – ₹5000 तक
🔹 नहीं, RBI के नए नियमों के अनुसार, वॉलेट कंपनियां बैंक की तरह सेवाएं नहीं दे सकतीं।
🔹 अब डिजिटल वॉलेट से UPI बैंक अकाउंट की तरह लोन लेना संभव नहीं होगा।
🔹 हाँ, अब PayPal, Stripe जैसी विदेशी पेमेंट गेटवे कंपनियों को भारतीय उपयोगकर्ताओं का डेटा भारत में ही स्टोर करना होगा।
🔹 अब सभी फिनटेक कंपनियों को RBI से NBFC (Non-Banking Financial Company) लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।
🔹 बिना लाइसेंस के "बाय नाउ, पे लेटर" जैसी सेवाएं प्रदान नहीं की जा सकतीं।
🔹 बैंकों और वॉलेट कंपनियों को AI और Machine Learning आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम अपनाने का निर्देश दिया गया है।
🔹 उपयोगकर्ता को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत देने की सुविधा अनिवार्य की गई है।
🔹 सबसे पहले ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करें।
🔹 24-48 घंटे तक इंतजार करें, यदि पैसा वापस नहीं आता तो बैंक/पेमेंट गेटवे से संपर्क करें।
🔹 RBI के ओंबुड्समैन पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
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